क्रांति कुमार भारतीय ‘सरस्वतीदेव’ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिनका जन्म 4th मार्च १८९४ को कोलकाता के श्री देवकीनंदन जी के घर हुआ | बचपन के ८ – ९ वर्ष की आयु में बड़े भाई की अंग्रेजों की गोली से प्राणांत होना ,इनके जीवन में नया मोड़ लाता है , तभी से आपने राष्ट्र प्रेम की भावना से प्रेरित होकर लोगों को मानस , रामायण के माध्यम से देश प्रेम और स्वतंत्रता को पाने संलग्न होने ओजस्वी प्रवचन देने लगे | संभवतः क्रांतिकार जी पहले सेनानी और कथाकार हैं जिन्हें राम कथा के कारण से जेल जाना पड़ा |
सन १९३० में बिलासपुर आने पर युवकों ने उनके सम्मान की परिभाषा ही बदल दी – वहीँ से भारतीय जी बिलासपुर वासियों के मन में स्वतंत्रता के बीज बो दिए | govt high स्कूल के छात्रों से मिलकर “ क्या तुम देश के लिए कुछ कर सकते हो” कहकर क्रांति के स्वर नस – नस में भर दिए |
सन १९३० में ही बिलासपुर के इतिहास में govt high स्कूल में तिरंगा फहराकर ,छत्तीसगढ़ में क्रांति लाकर ,राजनितिक हलचल पैसा कर दी| इस अद्वितीय सहस भरे कार्य की जितनी सराहना की जाये कम है | उनके द्वारा तिरंगा फहराने का townhal का भी जिक्र आता है | यहीं से उनका नाम क्रांतिकुमार भारतीय पड़ा | यह नाम बिलासपुर की ही देन है|
तब से उन्हें सर आँखों में बिठा लिया गया | इस आश्चर्य मिश्रित कौतुहल की घटना बिलासपुर में आग की तरह फ़ैल गयी| इस घटना से भारतीय जी को मुक्त ह्रदय से युवा दिलों की धड़कन बना दिया| इस हेतु उन्हें जेल जाना पड़ा तत्पश्चात वे रायपुर चले गए | १९३८ में ब्राम्हण परा निवासी श्री नन्द कुमार पाण्डेय जी के यहाँ रुके| आज़ादी के लिए हर क्षण बेचैन रहने वाले भारतीय जी का बिलासपुर प्रवास के दौरान सेठ नन्दलाल जी बाराद्वार से सघन मैत्री बनी रही | जीवन का काफी समय उन्होंने बाराद्वार में व्यतीत किया,या ये कहें के यह उनका घर था|
श्री भारतीय जी को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा ताम्रपत्र दिया गया|
१९७४ में यह ज्योतिपुंज सरकारी अस्पताल में अस्त हो गया |उनकी इक्छा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार बाराद्वार में किया गया | आज भी क्रांतिकुमार भारतीय पेट्रोल पंप बाराद्वार में संचालित है|
श्री संत राम रामायणी द्वारा संचालित क्रांतिकुमार भारतीय विद्यालय ,शनिचरी पड़ाव,बिलासपुर में संचालित है | और इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा, शासकीय नवीन महाविद्यालय,सक्ती का नामकरण शासकीय क्रांतिकुमार भारतीय महाविद्यालय रखा गया है| यह सम्मान इस वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रति सच्ची श्रधान्जली अर्पित करना है |